अर्थिंग क्या है और अर्थिंग के प्रकार कितने होते हैं ? | What Is Earthing? And Types Of Earthing In Hindi

अर्थिंग क्या है और अर्थिंग के प्रकार कितने होते हैं ? | What Is Earthing? And Types Of Earthing In Hindi

Table of Contents

अर्थिंग क्या है? | What Is Earthing In Hindi | Electrical Earthing In Hindi 

जमीन में 2.5 से 3 मीटर गहरा गड्ढा करके, उसमे Copper  या Galvanized Iron का पाईप या प्लेट का टुकता जिसे Earth Electrode कहते हैं उसे गाढ़कर उसमें से Open कंडक्टर (Earth Wire) बाहर निकालना मतलब अर्थिंग करना (Earthing System)  होता है।

या विद्युत उपकरण के धातुयुक्त बॉडी का अखंडता से अर्थ वायर के माध्यम से जमीन से सीधा संपर्क करवाना अर्थिंग (Earthing System) कहलाता है। जिसे Grounding भी कहते हैं । 

भारतीय विद्युत नियम 1956 के अनुसार किसी भी Electrical Installation में हर उपकरण की धातुयुक्त Body को अर्थिंग करना अनिवार्य है।

कारण सर्किट में Fuse जैसे उस सर्किट का Safely Device के रूप में काम करता है।

उसी तरह अर्थिंग भी उस Installation और उस Installation पर काम करने वाले व्यक्ति के लिए एक सुरक्षात्मक साधन के रूप में काम करती है।

अर्थिंग करना क्यो जरूरी होता है ? | Why Is Earthing Necessary ?

  • मानवी जीवन Electric Shock से सुरक्षित रहे इसलिए
  • लीकेज करंट की वजह से उपकरण या Installation सुरक्षित रखने के लिए
  • आसमानी बिजली से ऊंची इमारतें, बड़े-बड़े विद्युत उपकरण और ओवर हेड  लाईन्स के बचाव के लिए।

मानवी जीवन Electric Shock से सुरक्षित रहे इसलिए

अगर किसी उपकरण को अर्थिंग से जोड़ा नहीं गया है और किसी तरह से उसकी धातु की बॉडी के साथ फेज वायर का संपर्क हो जाता है, तो उस समय जब कोई उपकरण को छूता है, तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक का खतरा हो सकता है।

लेकिन अगर उपकरण की धातुयुक्त बॉडी को अर्थिंग से जोड़ा गया होता, तो जब भी फेज वायर उसकी बॉडी के साथ संपर्क में आता, तो करंट उस सर्किट में प्रस्थापित Fuse में से भी बहता है।

Leakaqge Current से मानवी जीवन की सुरक्षा.

ज्यादातर उपकरण की बॉडी मे लीकेज करंट बहने लगता है, जिसका प्रभाव उपकरण पर जल्दी नहीं पड़ता कुछ समय बाद पड़ता है । लेकिन अगर लीकेज कारण ज्यादा हो तो वह किसी इंसान के लिए नुकसानदायक होता है ।

लीकेज करंट की परिस्थिति मे अगर उपकरण की बॉडी Earth न की गई हो तो, वह लीकेज करंट उपकरण की बॉडी मे घूमता राहत है। जब कोई व्यक्ति उस उपकरण की बॉडी को छूट है तब वह Leakage Current उस व्यक्ति के शरीर से होते हुए जमीन मे जाने की कोशिश करता है।

Leakage Current मानवी शरीर से बहने की वजह से उस व्यक्ति को इलेक्ट्रिक शॉक महसूस होता है। अगर Current का प्रमाण ज्यादा हुआ तो उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

अगर उस उपकरण की धातुयुक्त बॉडी को Earthing से जोड़ा हुआ है तो, Leakage Current जो की हमेशा कम Resistance वाले मार्ग से बहता है।

वह Earth Wire से होते हुए जमीन मे चल जाता है न की मानवी शरीर से जो उपकरण को स्पर्श करता है. इस तरह Earthing की वजह से मानवी जीवन सुरक्षित राहत है।

इसलिए किसी भी उपकरण की धातुयुक्त बॉडी को Earthing करना जरूरी होता है।

लीकेज करंट की वजह से उपकरण या Installation सुरक्षित रखने के लिए


Leakage Current की वजह से उपकरण की बॉडी गर्म हो जाती है। अगर ज्यादा लिकेज करंट हुआ तो बॉडी ज्यादा गर्म हो जाती है। ज्यादा Temperature की वजह से उपकरण की Winding जलने की संभावना होती है।

बेअरिंग खराब हो सकती है। अगर किसी Wire या Cable का Insulation कम क्षमता का हो, तो आगे चलकर उसकी Insulation Resistance क्षमता और भी कम होती जाती है।

इस वजह से Wire या Cable के Insulation में से लीकेज करंट फ्लो होता है, जो उपकरण की धातुयुक्त बॉडी में आकर घूमता रहता है।

अगर इस परिस्थिति में उस उपकरण को Earthing System से Connect कर दिया जाए, तो लीकेज करंट अर्थ वायर के जरिये जमीन में चल जाता है। और होने वाला दुःपरिणाम टाल दिया जाता है।

आसमानी बिजली से ऊंची इमारतें, बड़े-बड़े विद्युत उपकरण और ओवर हेड  लाईन्स के बचाव के लिए।


Overhead Line, Genrating Station, Substation तथा ऊंची इमारतो पर अगर आसमानी बिजली गिरे तो यह सब जलकर नष्ट हो सकते हैं। इएलिये ऊंची इमारतो पर अर्थ कंडक्टर और ओवर हेड लाईन पर Lightning Arrester लगाकर उसे Earthing System से जोड़ दिया जाता हैं।

आसमानी बिजली अर्थ कंडक्टर से होकर जमीन में समा जाती है। और इस तरह अर्थिंग की वजह से यह सब सुरक्षित रहते हैं।

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न्यूट्रल और अर्थिंग में क्या फर्क होता है? | What is the difference between neutral and earthing In Hindi


तो अर्थिंग यह लीकेज करंट का मार्ग पूरा करती है। Neutral Load Resistance से जोडी जाति है, तो अर्थिंग उपकरण की धातुयुक्त Body से जोड़ी जाती है।ऊपर बताये गए निष्कर्षों से यह साबित होता है कि, Earthing System यह सुरक्षा का एक साधन है। कारण सर्किट में स्थित Neutral यह सर्किट में प्रवाहित करंट का मार्ग पूरा करती है।

Neutral यह Circuit Close करने और Current के वापसी के मार्ग के लिए उपयोग में लाई जाती है, तो अर्थिंग यह सुरक्षा साधन के रूप में लीकेज करंट के बहाव के लिए उपयोग में लाई जाती है।

किन जगहों पर अर्थिंग करना बहुत जरूरी  होता है ?

  1. Metal Body वाले सब Switches, Distribution BoxBusbar Chambers, इनकी Body को।
  2. Electric Motor, Transformer इनकी Body को कम से कम 2 जगहों पर।
  3. Electric  Iron, Heater, GeezerCooler के body को।
  4. Tree Pin Socket के बड़े लंबे Terminal को।
  5. Three Phase Four Wire System में Star Point को।
  6. DC Three Wire System में Neutral कंडक्टर को।
  7. Underground Cable के Armouring को।
  8. कॉन्ड्यूट वायरिंग में हर Metal कॉन्ड्यूट को।
  9. और भारतीय विद्युत नियम 90 के अनुसार Over Head Wire के पोल को  हर 1.6 KM में कम से कम 4 जगहों पर अर्थिंग करना चाहिए।

Earthing System के विषय मे ISI के नियम | ISI Rules Regarding Earthing

  1. किसी भी इमारत के बाहर, इमारत से 1.5 मीटर अंतर पर अर्थिंग करना चाहिए।
  2. Earth Electrode और Earth कंडक्टर, Nut-Bolt और वाशर यह सब एक ही धातु के होने चाहिए।
  3. Earth कंडक्टर सर्किट के कुल करंट के दुगने Current Carrying Capacity का होना चाहिए।
  4. किसी भी सर्किट के अर्थ कंडक्टर का आकार 14 SWG से कम ना हो। मुख्य अर्थ कंडक्टर 8 SWG से कम आकर का न हो।
  5. Earthing System के कंटीन्यूटी कंडक्टर को यांत्रिक हानि ना पहुंचे इसलिए 12mm व्यास के पाईप से होते हुए जमीन के 60cm नीचे से जहां जरूरत हो वहां तक पहुचना चाहिए।
  6. Earth Electrode के चारो ओर नमक, बालू (रेत) और कोयले कि 15-15 cm के अंतराल पर परत-दर-परत बिछानी चाहिए।
  7. अर्थ कंडक्टर का joint Nut-Bolt और वाशर की सहायता से ही करना चाहिए। और उस joint पर बाद में सोल्डरिंग करना चाहिए
  8. Earthing का Resistance हमेशा कम से कम होना चाहिए। अर्थ कंडक्टर अगर Copper का हो तो 1 Ohm और अगर GI का हो तो 3 Ohm से ज्यादा नही होना चाहिए
  9. गर्मियों के दिनों में Earth Resistance कम करने के लिए, फनेल में बीच-बीच मे पानी डालते रहना चाहिए।

अर्थिंग के मुख्य कितने प्रकार होते हैं? | What Are The Main 3 Types Of Earthing ? In Hindi

Electrical Installation में नीचे बताई गई 3 तरहों की अ र्थिंग का उपयोग किया जाता है।

  • System Earthing ( Neutral Earthing)
  • Equipment Earthling ( उपकरण अर्थिंग )
  • Special Requirement Earthing (विषेश मांग पर की जाने वाली अर्थिंग)

सिस्टम अर्थिंग | System Earthing ( Neutral Earthing)


सिस्टम अर्थिंग की वजह से सम्पूर्ण विद्युत प्रणाली का रक्षण होता है। विद्युत प्रणाली में अगर कोई दोष निर्माण होता है तब, उस प्रणाली में स्थित Protection Device कार्यान्वित हो जाते हैं। और फॉल्टी सेक्शन को सर्किट से अलग कर देते हैं।

ईस वाजह से विद्युत प्रणाली मे स्थित साधन सामग्री और उपकरणो का बचाव होता है। उदाहरण- अगर ओव्हरहेड लाईन का कोई एक कंडक्टर टूटकर जमीन पर गिर जाए तब वह कंडक्टर वहां पर संचार कर रहे प्राणी/ मनुष्यों के लिए अत्यंत ही धोकादायक साबित हो सकता है।

अगर कभी ऐसा होता है तो उस सर्किट में अर्थ फॉल्ट होकर सुरक्षा उपकरण कार्यान्वित हो जाते हैं और उस टूटे कंडक्टर वाले हिस्से को विद्युत सप्लाय से अलग कर देते हैं। जिस वजह से वहा संचार कर रहे मनुष्य/ प्राणी तथा उपकरण होने वाली हानि से बच जाते हैं।

थ्री फेज प्रणाली में डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर की सेकंडरी वाइंडिंग का स्टार कनेक्शन करके वह पॉइंट अर्थ किया जाता है। उस अर्थ पॉइंट से लोड के लिए एक न्यूट्रल वायर बाहर निकली जाती है। इसे न्यूट्रल Earthing कहते हैं।

थ्री फेज में अगर लोड अनबैलेंस हो जाए, तब उस सर्किट का अनबैलेंस करंट न्यूट्रल अ र्थिंग से होता हुआ जमीन में चला जाता है। इस वजह से लाइन और अर्थ में का पोटेंशल डिफरेन्स कम होकर थ्री फेज का वोल्टेज बैलेंस कायम रखा जाता है। इस वजह से उस सर्किट में स्थित उपकरणों को सुरक्षित रखा जाता है।

यह सिस्टम अर्थिंग की वजह से ही संभव होता है।सिस्टम अर्थिंग विद्युत निर्मिति केंद्र (जनरेटिंग स्टेशन), और सबस्टेशन में की जाती है। जनरेटिंग स्टेशन के अल्टरनेटर की वाइंडिंग और सबस्टेशन में पॉवर ट्रांसफार्मर की सेकंडरी वाइंडिंग का स्टार कनेक्शन करके उनका स्टार पॉइंट अर्थ किया जाता है। जिसे सिस्टम अ र्थिंग या न्यूट्रल Earthing कहा जाता है।

उपकरण अर्थिंग | Equipment Earthing

Equipment Earthing For Home In Hindi

विद्युत उपकरण का वह धातुयुक्त भाग जो विद्युत प्रवाह के बहाव के लिए उपयोग में न आता हो, अथवा उपकरण की बॉडी का संबंध स्थायी और निर्बाध रूप से सिस्टम अर्थिंग से करना Equipment Earthing (उपकरण अर्थिंग) कहलाता है।

हमारे घरों में कई जाने वाली अर्थिंग यह Equpment Earthing का ही एक प्रकार है। किसी भी विद्युत उपकरण और उसपर काम काम कर रहे मानवी जीवन की सुरक्षा के लिए उस उपकरण को अर्थिंग करना बोहोत जरूरी होता है।

उपकरण में इस्तेमाल किए जाने वाले इन्सुलेशन का रेसिस्टेन्स कम होकर उसमे से लीकेज करंट बहने लगता है। यह लीकेज करंट उपकरण के धातुयुक्त भाग में निरंतर घूमते रहता है, जिस वजह से उपकरण की उष्णता बढ़कर वह जलने की संभावना होती है।

ऐसे समय पर Equipment Earthing की वजह से वह लीकेज करंट जमीन में चला जाता है, और उपकरण सुरक्षित रह पाता है।

अगर उपकरण को विद्युत स्पाय देने वाली केबल या वायर का इंसुलेशन किसी कारणवर्ष खराब हो जाए तो फेज या लाईव वायर का उपकरण की बॉडी से सीधा संपर्क होता है, और उपकरण की बॉडी में विद्युत करंट का बहाव होने लगता है।

अगर कोई इंसान उस उपकरण पर काम करने लगे तो, उपकरण को स्पर्श करते ही उस इंसान को जोरदार बिजली का झटका मेहसूस होगा। उस इंसान की जान भी जा सकती है। वह उपकरण अगर Equipment Earthing (उपकरण अर्थिंग) से जुड़ा हो तो वहां अर्थ फॉल्ट होकर सुरक्षा साधन (फ्यूज/MCB) कार्यान्वित होंगे और उस उपकरण को विद्युत आपूर्ति से अलग कर देंगे। परिणामस्वरूप उस उपकरण पर काम करने वाला व्यक्ति सुरक्षित रहेगा।

डबल अर्थिंग

अर्थ कंडक्टर अगर किसी कारण से बीच से कहीं टूट जाए या खराब हो जाए, तो उपकरण पर काम करते समय ऊपर बताई गई जीवित या वित्त हानि संभव होती है। ऐसा न हो इसलिए अधिक सुरक्षा हेतु औद्योगिक उपकरण के धातुयुक्त बॉडी में दो जगहों पर दो अलग अलग अ र्थिंग की जाती है। जिसे डबल अर्थिं ग कहते हैं। यदि उनमेसे कोई एक अर्थिंग निष्क्रिय हो जाये तो दूसरी अर्थिंग से उपकरण सुरक्षित रहता है।

विशेष मांग पर की जाने वाली अर्थिंग | Special Demand Earthing

कुछ विशिष्ट जगहों पर ऊंची इमारतों की Static Charge (आकाशीय बिजली) से सुरक्षा करने के लिए Static Earthing की जाती है।

बड़ी-बड़ी इमारतें और हॉस्पिटल के ऑपेरशन थिएटर ऎसी जगहों पर लाइटनिंग कंडक्टर इनस्टॉल करके उनको Earthing से कनेक्ट किया जाता है।  ओवर हेड लाइन पर लाइटनिंग अरेस्टर इनस्टॉल करके उन्हें भी अर्थ किया जाता है। जिससे आकाशीय बिजली का डिस्चार्ज अर्थ कंडक्टर  से होकर जमीन में चल जाता है।

और इस प्रकार ऊंची इमारते और ओवर हेड लाईन सुरक्षित रहते हैं। Clean Earthing (क्लीन अर्थिंग) कहीं जगहों पर कंप्यूटर डेटा प्रोसेसिंग उपकरणों के लिए क्लीन Earthing की जाती है। जो स्वतंत्र रूप से कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट होती है। क्लीन अर्थिंग मतलब ऐसी अर्थिंग जो आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली अर्थिंग के संपर्क में न होकर सिर्फ एक ही उपकरण के लिए इस्तेमाल की जाती है।

हर इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन में अर्थिंग का बहुत महत्व है।

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