न्यूट्रल (Neutral) का क्या काम होता है?
3 Phase सप्लाय प्रणाली में स्टार कनेक्शन और डेल्टा कनेक्शन किया जाता है। उनके पॉइंट्स से निकनले वाली तारों से लोड को सप्लाय प्रदान किया जाता है।
इन दोनों कनेक्शनों में तीनो फेजों से बहने वाले करंट का व्हेक्टर योग ( Addition) यह शून्य ‘0’ होता है। (IU +IV+ IW = 0)
क्योंकि 3 Phase की निर्मिति में किसी भी क्षण एक फेज जितना उच्चतम मूल्य पर होता है, उतनाही दुसारा फेज नेगेटिव्ह उच्चतम मूल्य पर होता है। और तीसरा फेल शून्य या शून्य के आस-पास होता है।
इसलिए तीनो फेज के करंट या वोल्टेज का व्हेक्टर योग ‘0’ शून्य होता है। इसका अर्थ यह होता है कि, अगर दो फेज करंट ले जा रहे हों तो, तीसरा फेज करंट लेकर आ रहा होता है। मतलब तीसरा फेज करंट की वापसी का मार्ग पूरा ककर्ता है।
जैसा कि हम जानते हैं, की डेल्टा कनेक्शन में न्यूट्रल (Neutral) उपलब्ध नही होती। इसलिए डेल्टा कनेक्शन में करंट की वापसी का मार्ग पूरा करने का काम तीन फेज में से एक फेज करता है। स्टार कनेक्शन में न्यूट्रल (Neutral) वायर यह करंट की वापसी का मार्ग पूरा करती है।
न्यूट्रल (Neutral) में से बहने वाला करंट यह तीनों फेज में से बहने वाले करंट के व्हेक्टर योग (Addition) जितना होता है।
IU + IV + I W + IN = 0
IU + IV + I W = IN
FAQ
हमारे घरों में न्यूट्रल (Neutral) कहां से और कैसे आती है?
हमारे घरों मे चलने वाले सभी उपकरण यह 230 Volt फेज के होते हैं। सिंगल फेज के लिए R Y B इन तीनों फेज मेसे किसी भी एक फेज का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन किसी भी सर्किट को पूरा होने, के लिए करंट का load Resistance से होते हुए वापसी का मार्ग होना जरूरी होता है।
इसलिए सर्किट के करंट का वापसी का मार्ग पूरा करने का काम न्यूट्रल वायर करती है। दोस्तों आपने कभी सोच है की, हमारे घरों में न्यूट्रल कहां से और कैसे आती है? तो हम आपको बताते हैं की हमारे घरों में न्यूट्रल कहां से और कैसे आती है? हमारे घरों मे बिजली Distribution Transformer से आती है। जिसका प्राईमारी वोल्टेज आम तोर पर 11000 Volt का होता है। और सेकन्डेरी वोल्टेज 230 Volt होता है। इस Distribution Transformer की प्राइमरी वाइंडिंग का कनेक्शन डेल्टा कनेक्शन होता है,और सेकन्डेरी वाइंडिंग का कनेक्शन यह स्टार कनेक्शन होता है
स्टार कनेक्शन के स्टार पॉइंट को Distribution Transformer की जगह पर अर्थ किया जाता इस Earthing
को System Earthing कहा जाता है। इसी स्टार पॉइंट से R Y B (415 volt) के 4 कंडक्टर्स के साथ एक न्यूट्रल वायर हमारे घरों तक Over Head Lines या फिर Underground Cabales के जरिए पहुंचाई जाती है। R Y B मे से कोई भी एक फेज और एक न्यूट्रल वायर 2 तारों के जारी हमारे घरों मे पहुंचाई जाती है जिसे सिंगल फेज सप्लाय कहा जाता है। जिसमे न्यूट्रल यह करंट के वापसी मार्ग के इस्तेमाल की जाती है। इस तरह से हमारे घरों में न्यूट्रल आती है?
न्यूट्रल (Neutral) कंडक्टर का आकार अन्य कंडक्टर से छोटा क्यों होता है?
3 Phase पर जुडा हुआ लोड बैलेंस्ड हो तो न्यूट्रल (Neutral) में से बहने वाला करंट शून्य (0) होता है। लेकिन लोड अनबैलेंस्ड हो तो तीनों फेज में से अलग लग करंट फ्लो होता है। और उस समय न्यूट्रल (Neutral) में से भी करंट फ्लो होता है।अनबैलेंस्ड लोड होने पर न्यूट्रल (Neutral) से बहने वाला करंट अन्य फेज में से बहने वाले करंट के मुकाबले कम होता है। इस कारण 3 Phase 4 Wire System में न्यूट्रल (Neutral) वायर/केबल का आकार अन्य लाईन कडंक्टर के आकार से छोटा/आधा होता है।
कृत्रिम न्यूट्रल (Neutral) कैसे तैयार की जाती है?
न्यूट्रल (Neutral) वायर मतलब करंट के वापसी का मार्ग पूरा करने वाला कंडक्टर होता है। लेकिन डेल्टा कनेक्शन में न्यूट्रल (Neutral) उपलब्ध नही होती। और जहां हमे सिर्फ सिंगल फेज पर काम करने वाले उपकरण को जोड़ना हो और वहां सिर्फ 3 Phase Supply उपलब्ध हो तो, उस उपकरण को 3 Phase Supply से जोड़ा नही जा सकता।
उस जगह कृत्रिम पद्धति से न्यूट्रल (Neutral) बनाई जा सकती है। और सिंगल फेज उपकरण को जोड़ा जा सकता है।
एक समान वेटेज के 3 रेसिस्टेन्स लिए जाते हैं । (उदाहरण 100 वॉट/200 वॉट के तीन बल्ब) जैसा कि आकृति में बताया गया है, उस प्रकार स्टार कनेक्शन किया जाता है। उस स्टार कनेक्शन के स्टार पॉइंट पर कृत्रिम न्यूट्रल (Neutral) तैयार हो जाती है।
न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करना क्यों जरूरी है?
3 Phase 4 Wire System में न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करना बहुतही जरूरी होता है। क्योंकि AC Distribution (वितरण) प्रणाली में 3 Phase 4 Wire System में एक Phase और एक न्यूट्रल (Neutral) वायर पर सिंगल फेज का लोड जुड़ा होता है।
और 3 Phase पर 3 फेज का लोड जुड़ा होता है। इस तरह के लोड जोड़े जाते समय तीनो फेज पर सम प्रमाण में लोड को विभागना चाहिए। लेकिन वास्तव में ऐसा नही होता। तीनो फेज का लोड Unbalanced हो सकता है।
Unbalanced Load होने पर न्यूट्रल (Neutral) में से करंट फ्लो होने लगता है। इस परिस्थिति में अगर न्यूट्रल (Neutral) को अर्थ न किया हो तो वह Unbalanced Current स्टार पॉइंट पर आ जाता है। वहां से जिस फेज वाइंडिंग का इम्पीडंस कम होता है, वह करंट उस तरफ फ्लो करने लगता है।
इस वजह से उस फेज का करंट बढ़कर सिस्टम फिर से Unbalance होने लगता है। किसी एक फेज और न्यूट्रल (Neutral) में मिलबे वाला वोल्टेज बहुत ही कम और अन्य फेज और न्यूट्रल (Neutral) में मिलने वाला वोल्टेज बहुत ज्यादा मिलने लगता है।
तीनो फेज से कम-ज्यादा वोल्टेज प्राप्त होकर वोल्टेज अस्थिर हो सकता है। इस वजह से अल्टरनेटर अथवा ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो सकते हैं। ऐसा न हो इसलिए न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करना बहुत जरूरी होता है।
न्यूट्रल (Neutral) अर्थिंग क्या होती है?
3 Phase Supply System में स्टार कनेक्शन करके उस स्टार पॉइंट से कंडक्टर के माध्यम से जमीन में योग्य गहराई में अर्थिंग करना, और वहां से न्यूट्रल (Neutral) वायर बाहर निकलना इसे न्यूट्रल (Neutral) अर्थिंग कहते हैं।
न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करने से क्या होता है?
न्यूट्रल (Neutral) को अर्थ करने से Unbalanced Load पर न्यूट्रल (Neutral) से बहने वाला करंट यह अन्य फेज वाइंडिंग की ओर न जाते हुए अर्थ कंडक्टर के माध्यम से सीधा जमीन में चल जाता है।
क्योंकि फेज वाइंडिंग और अर्थिंग में से अर्थिंग का रेसिस्टेन्स बहुत कम होता है। और करंट हमेशा कम रेसिस्टेन्स की तरफ ही फ्लो होता है।और इस प्रकार 3 Phase System में न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करने से वोल्टेज स्थिर रहकर मशीन व उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करने से क्या होता है?
न्यूट्रल (Neutral) को अर्थ करने से Unbalanced Load पर न्यूट्रल (Neutral) से बहने वाला करंट यह अन्य फेज वाइंडिंग की ओर न जाते हुए अर्थ कंडक्टर के माध्यम से सीधा जमीन में चल जाता है।
क्योंकि फेज वाइंडिंग और अर्थिंग में से अर्थिंग का रेसिस्टेन्स बहुत कम होता है। और करंट हमेशा कम रेसिस्टेन्स की तरफ ही फ्लो होता है।और इस प्रकार 3 Phase System में न्यूट्रल (Neutral) को अर्थिंग करने से वोल्टेज स्थिर रहकर मशीन व उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
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