वर्तमान समय में बिजली के बिना जीवन असंभव हो गया है। इसलिए हम चाहते हैं कि बिजली चले जाने के बाद बिजली की आपूर्ति जल्दी से चालू हो जाए। बहुत बार बिजली बंद हो जाने के बाद फिर से शुरू होने मे बहुत समय लग जाता है। लेकिन इसके पीछे क्या कारण होता है? कोई जानने की कोशिश नहीं करता।
आपकी लाइट अक्सर क्यों चली जाती है ?
हमारे भारत के डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम मे सब स्टेशनों से प्रत्येक डिस्ट्रब्यूशन ट्रांसफॉर्मर तक 11000/22000 वोल्ट सप्लाई की लाइन भेजी जाती है। वे इलेक्ट्रिक लाइन्स नदियों के पार, किनारे, खुले में घने इलाकों से होते हुए गुजरती हैं।
यदि कोई पक्षी या जानवर लाइव लाइन को छूता है, या किसी एक पेड़ की शाखा या कभी-कभी एक पेड़ खुद ही इलेक्ट्रिक लाइन पर गिर जाता है। उस स्थिति में लाइन स्वचालित रूप से सब स्टेशन से ट्रिप हो जाती है। यानी बिजली बंद हो जाती है।
लाइट बार बार क्यों जाती है? कुछ लोगों की यह भ्रांति है कि बिजली कर्मचारी जानबूझकर बिजली की आपूर्ति काट देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, बिना किसी कारण के बिजली कर्मचारी लाईन बंद नहीं कर सकता।
यदि उपरोक्त जैसा कुछ घटित है तो सुरक्षा की दृष्टि से लाइन को तत्काल अपने आप बंद होना जरूरी होता है। इस तरह की तकनीकी व्यवस्था सबस्टेशनों मे की जाती है।
साथ ही गर्मी, हवा और बारिश के कारण एक इंसुलेटर क्षतिग्रस्त हो सकता है, जब लाइन टूट जाती है और नीचे गिर जाती है। उस समय काफी देर तक बिजली बंद रहती है, लेकिन हर कोई चाहता है कि सप्लाई तुरंत आ जाए।
क्या कोई सड़क 10 मिनिट मे बन सकती है?
क्या कोई मरीज 10 मिनट में ठीक होकर घर जा सकता है?
यदि कोई सड़क टूट जाती है, तो क्या आप चाहते हैं कि नई सड़क 10 मिनट में ठीक हो जाए?
ज़रा सोचिए कि क्या यह संभव भी है?
अगर हम किसी मरीज को डॉक्टर के पास ले जाते हैं, तो क्या हम उम्मीद करते हैं कि वह दस मिनट में ठीक हो जाएगा? नहीं ना!
हर चीज में समय लगता है। लेकिन कुछ लोग इस नियम को भूल जाते हैं।
बिजली बंद हो जाने पर कैसे ठीक की जाती है?
यदि बिजली की आपूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त है, तो यह वास्तव में कहां क्षतिग्रस्त हुई है? यह पहले तो किसी को पता नहीं चलता, इसके लिए बिजली कर्मचारी कुछ हिस्सों को ( जिन हिस्सों मे लाइन पर फॉल्ट हो) बंद कर छोटे-छोटे हिस्सों में बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश करते हैं। और साथ ही लाइन पेट्रोलिंग करते हैं। अगर फॉल्ट जल्द नजर या जाए तो ठीक है। वरना फॉल्ट identify करने के लिए दूसरा तरीका अपनाया जाता है।
इसके लिए कुछ जगहों पर एक लाइन (फीडर्स) की दूरी पांच से दस किलोमीटर तक होती है। इसके लिए प्रत्येक लाइन पर कुछ किलोमीटर की दूरी पर एबी स्विच (Air Circuit Breaker) या RMU लगाया जाता है। इलेक्ट्रीशियन पांच से दस किलोमीटर की उस दूरी के हर स्विच पर जाता है,और उनमें से कुछ AB Switch ओपन करता है। और इसके बाद सब स्टेशन मे विद्युत नियम नियमो के अनुसार लायक व्यक्ति (Authorized Person) द्वारा ऑन ड्यूटी सब स्टेशन ऑपरेटर (SSO) से लाइन परमिट लेता है। और इसके बाद वह फीडर शुरू कर कुछ हिस्सों मे बिजली बहाल की जाती है।
इसमें वे पाते हैं कि लाईन का कुछ भाग दोषपूर्ण होता है । फॉल्ट लाइन का हिस्सा कुछ इलाकों को बिजली आपूर्ति करने वाला होता है। फॉल्ट की वजह से उस इलाके मे बिजली बंद रहती है। चंद किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र के हर पोल पर जाकर लाईन का खराब हिस्सा ढूंढ़कर उसकी मरम्मत की जाती है। बेशक इसमें कुछ समय लगता है। इसके बाद लाइन शुरू कर दी जाती है।
हमारी इलेक्ट्रिक लाइन नदियों, कांटों, घने इलाकों से होकर गुजरती है। मानसून के दौरान, बिजली कर्मचारी बाढ़ में अपनी जान जोखिम में डालकर दोषपूर्ण लाइन को शुरू करने की कोशिश करते हैं। हम आमतौर पर मानसून के दौरान फिसलने के डर से पेड़ों पर नहीं चढ़ते हैं।
लेकिन 20 से 25 फीट ऊंचे पोल, बिजली कर्मचारी इस बारिश में चढ़कर लाइन चालू करने का प्रयास करते हैं। इसमें बिजली कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। किसी सुरक्षित स्थान पर बैठकर हम उनका यह परिश्रम नहीं देख सकते।
साथ ही हम घर में 230 होल्ट की वायरिंग को छूते समय दस बार सोचते हैं। यहां हमारे इलेक्ट्रीशियन 11000/22000 वोल्ट पर काम करते है। इसलिए सभी सावधानियों का ध्यान रखने के बाद काम करने में कुछ समय लगता ही है।
निर्धारित सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए उन्हें काम करने में कुछ समय लग सकता है। लेकिन बिजली शुरू होने मे लगने वाला समय उस बिजली कर्मचारी की जान से ज्यादा नहीं होता । यह हमें समझना चाहिए।
घर की बिजली बंद हो जाए तो बिजली कर्मियों को तुरंत या उसी समय फोन क्यों नहीं करना चाहिए?
बिजली वितरण कंपनी द्वारा सभी बिजली उपभोक्ताओं से अनुरोध किया जाता है कि, बिजली बंद होने के बाद कुछ देर प्रतीक्षा करें। उन्हें कॉल न करें क्योंकि बिजली आपूर्ति शुरू होने में अधिक समय लग सकता है।
क्योंकि एक से ज्यादा बिजली कर्मचारी अलग-अलग जगहों से फाल्ट का पता लगाने की कोशिश कर रहे होते हैं. वे मोबाइल फोन के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में होते हैं। उनके लिए एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना बिजली बहाल करना बहुत मुश्किल होता है।
“बिजली कब आएगी?” “क्या हुआ?” बिजली उपभोक्ता यह पूछने के लिए बिजली कर्मियों को फोन करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे समय में बिजली कर्मियों को सिर्फ अपना गुस्सा निकालने के लिए फोन करते हैं। लेकिन वह यह नहीं जानते की ऐसा करने से बिजली फिर से शुरू होने मे समय उनकी ही वजह से बढ़ सकता है।
यदि इस दौरान बिजली कर्मचारी आपस में संवाद नहीं कर पाते हैं, तो बिजली शुरू होने में देरी होती है। लोगों के दबाव से कई बार कर्मचारियों की मानसिकता भी बिगड़ जाती है। और उनके साथ दुर्घटना होने की भी आशंका रहती है।
लाइट चली जाए तो क्या करना चाहिए? | घर की बिजली बंद हो जाए तो क्या करना चाहिए?
इसलिए अगर आपके घर की बिजली बंद है, तो इसके पीछे जरूर कोई कारण रहा होगा। पहले हमे अपने माइटर तक सप्लाइ या रहा है या नहीं यह देखना चाहिए अगर मीटर मे सप्लाइ नहीं या रहा तब हमें कुछ समय इंतजार करना चाहिए। उसके बाद आपको संबंधित जगह पर पूछना चाहिए।
गर्मी, हवा और बारिश में कर्मचारी लाइन शुरू रखने के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। उन्हें रात-रात भर खेतों से लेकर कनोल, नदी तक लाइन में गश्त के लिए जाना पड़ता है। बिना वजह फोन करके बिजली कर्मी को परेशान न करें।
तो जैसा कि हमने इस लेख में देखा, बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वास्तव में क्या होता है? बिजली कर्मियों द्वारा आउटेज को कैसे बहाल किया जाता है? और अगर आपकी लाइट चली जाती है तो बिजली कर्मचारी को तुरंत फोन क्यों नहीं करना चाहिए? तो, आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी मिलनी चाहिए। क्या आप यह जानते थे? ऐसेही कुछ और सवाल हों तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
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