पावर फैक्टर क्या होता है? | पावर फैक्टर कैसे सुधारें? In Hindi

पावर फैक्टर का महत्व | पावर फैक्टर कैसे सुधारें? | Importance of power factor How to improve power factor?-In Hindi

AC सर्किट में पावर फैक्टर का महत्व

Importance of Power Factor in AC Circuit-In Hindi

Power Factor क्या है? |What is a power factor?-In Hindi| Power Factor Definition -In Hindi

किसी भी दो A C राशियों के बीच के Phase Difference के कोसाईन गुणोत्तर को (Power Factor) पावर फॅक्टर कहते हैं।

AC सर्किट में पावर फैक्टर को बहुत महत्व होता है। क्योंकि AC सर्किट की पॉवर यह उस सर्किट के वोल्टेज, करंट और पावर फैक्टर के गुणाकार जितनी होती है। अगर सर्किट का पावर फैक्टर कम हो जाये तो उस सर्किट में स्थित लोड से बहने वाला करंट बढ़ जाता है।

उदाहरण:- मान लीजिए कि, 1000 watt के बल्ब को 250 Volt सप्लाय दिया हुआ है। अगर उस सर्किट का पावर फैक्टर 1 होगा तो उस सर्किट में से बहने वाला करंट कुछ इस प्रकार होगा…

I = पॉवर/ (वोल्टेज×पावर फैक्टर)

I =1000/ (250×1)

  = 4 एम्पीयर

 परंतु उसी 1000 watt के लोड का Power Factor 0.8 हो तो, उसी सर्किट का करंट….

I = पॉवर/ (वोल्टेज×पावर फैक्टर)

I =1000/ (250×0.8)

  = 5 एम्पीयर करंट उस सर्किट से बहेगा

इससे यह सिद्ध होता है कि, एक समान लोड के लिए अगर Power Factor कम हो जाए तो उस लोड में से ज्यादा मात्रा में करंट बहेगा। इसका परिणाम विद्युत ग्राहक और उन ग्राहकों को विद्युत पूर्ति करने वाली कंपनी पर होता है।

low power Factor की वजह से बिजली उपभोक्ता को क्या नुकसान होते हैं?

Loss to Customers due to Low Power Factor-In Hindi

लो पावर फैक्टर कि वजह से एक समान लोड के लिए करंट का प्रमाण बढ़ जाता है। इस वजह से

  • वायरिंग इंस्टालेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वायर्स, स्विचेस, होल्डर्स, फ्यूज इत्यादि एक्सेसरीज ज्यादा क्षमता वाले इस्तेमाल करना पड़ते हैं। इसलिए उनका आकार भी बड़ा होगा।
  • वायरिंग इंस्टालेशन में इनकैंडीसेंट लैंप, हीटर, सिगड़ी इत्यादि उष्णता देने वाले साधनों का वैयक्तिक पावर फैक्टर 1 होने के बावजूद कुल Power Factor कम होने की वजह से उनका आऊटपुट भी कम हो जाता है।       उदाहरण,:- 250 volt × 4 Amp× 1 पावर फैक्टर = 1000 वॉट इतनी पॉवर मिलती है। अगर पावर फैक्टर 0.8 होब्जाये तो 800 वॉट मतलब 200 वॉट कम पॉवर मिलेगी।
  • इसके अलावा उस सर्किट का Power Factor कम होने की वजह से उसी पॉवर के लोड के लिए करंट भी बढ़ जाता है। इस वजह से ग्राहकों का एनर्जी मीटर ज्यादा तेजी से चलने लगता है। प्रत्यक्ष रूप से कम पॉवर use करके भी ग्राहकों को ज्यादा पॉवर के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

Low Power Factor की वजह से विद्युत कंपनियों को क्या नुकसान होते हैं?

Losses to Power Companies due to Low Power Factor-In Hindi

  • बहुत से ग्राहकों के इंस्टालेशन का Power Factor कम हो जाने की वजह से परिणाम स्वरूप ट्रांसमीशन लाईन का करंट बढ़ जाता है।
  • लाईन में I×I×R पॉवर लॉस बढ़ जाता है।
  • I×R इतना वोल्टेज ड्राप होकर लाईन के टर्मिनल्स पर मिलने वाला वोल्टेज कम मिलेने लगता है।
  • टर्मिनल वोल्टेज कम होने की वजह से जनरेटिंग स्टेशन में वोल्टेज रेगुलेशन का ताल-मेल हर बार बिठाना पड़ता है।
  • लाईन करंट बढ़ने की वजह से जनरेटर्स ओव्हर लोड होकर गर्म हो जाते हैं।
  • लाईन करंट बढ़ने की वजह से लाईन कंडक्टर्स का आकार भी बढ़ाना पड़ता है।
  • कंडक्टर्स का आकार बढ़ जाने की वजह से लाईन पोल का स्पेन कम करना पड़ता है।
  • लाईन पोल का स्पेन कम करने की वजह से लाईन पोल्स की संख्या भी बढ़ानी पड़ जाती है।
  • पोल्स की संख्या बढ़ने की वजह से और बाकी सब एक्सेसरीज की संख्या भी बढ़ जाती है।
  • कुल मिलाकर ट्रांसमीशन और डिस्ट्रीब्यूशन का खर्चा बढ़ जाता है। यह सब विद्युत कंपनियों को बहुत महंगा पड़ता है।

Power Factor ज्यादा होने से क्या फायदा होता है?

Benefits of High Power Factor Why is it important to have more power factor?-In Hindi

विद्युत वितरण कंपनी और ग्राहकों को High Power Factor की वजह से नीचे बताये गए फायदे मिलते हैं।

  • टार्नीनल वोल्टेज स्थिर रहने में मदत मिलती है।
  • वोल्टेज रेगुलेशन अच्छा होता है।
  • ट्रांसमीशन और डिस्ट्रीब्यूशन लाईन में पॉवर लॉस कम होता है।
  • जनरेटिंग स्टेशन की कार्यक्षमता बढ़ती है। ट्रांसमीशन सस्ता पड़ता है।
  • कंडक्टर्स और एक्सेसरीज ज्यादा गर्म नही होते।
  • ज्यादा कैपेसिटी के एक्सेसरीज इस्तेमाल करने की आवश्यकता नही होती।

इस वजह से पावर फैक्टर का ज्यादा होना जरूरी होता है।

किन वजहों से औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं का पावर फैक्टर कम होता है?

What are the reasons for the lack of power factor of industrial customers?-in Hindi

औद्योगिक क्षेत्र मतलब बड़े-बड़े वर्कशॉप, कारखाने इत्यादि जगहों पर ज्यादा से ज्यादा इंडक्शन मोटर्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा फ्लोरोसेंट ट्यूब्स का भी इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। मतलब ऐसी जगहों पर इंडक्टिव लोड ज्यादा होता है, और रेसिस्टिव लोड बहुत कम मात्रा में होता है। इस वजह से रिएक्टिव करंट( रिएक्टन्स की वजह से बहने वाला करंट) ज्यादा होता है। इसी वजह से उस सर्किट में वोल्टेज और करंट के बीच ज्यादा अंश का फेज डिफरेन्स निर्माण होकर Power Factor कम हो जाता है।

पावर फैक्टर कैसे सुधारें ?

पावर फैक्टर कैसे सुधारा जाए?|Power Factor बढ़ाने की पद्धति |पावर फैक्टर कैसे ठीक करें?|Power Factor कितना होना चाहिए ?

Low Power Factor की वजह से होने वाले नुकसान को देखते हुए पावर फैक्टर को सुधारना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि इंडक्शन मोटर का फूल लोड पावर फैक्टर 0.8 से 0.85 तक होता है। लेकिन इससे ज्यादा Power Factor होना जरूरी होता है। विद्युत ऊर्जा प्रदान करने वाली कंपनियों ने अपने ग्रहकों के इंस्टालेशन का पावर फैक्टर 0.9 इतना निश्चित किया हुआ है। इसलिए विद्युत ग्राहकों को अपने इंस्टालेशन का पावर फैक्टर 0.9 या उससे ऊपर रखना पड़ता है। इसलिए

  • सिन्क्रोनस कंडेनसर इस्तेमाल करके
  • लाईन के पैरलल कैपेसिटर जोड़कर Power Factor सुधारा जा सकता है।

Power Factor सुधारने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले कैपेसिटर और उनके रेटिंग्स| पावर फैक्टर सुधारने के लिए किस मोटर को कोनसा कैपेसिटर लगाए?

जिस इंस्टालेशन में इंडक्शन मोटर्स का उपयोग ज्यादा होता है। उस सर्किट का Power Factor कम होता है। अगर सर्किट का पावर फैक्टर 0.95 इतने तक बढ़ाना हो तो नीचे दिए गए टेबल में बताए गए कपैसिटर का उपयोग मोटर के लिए करना होगा।

यह भी पढ़ें…

मोटर की अलग अलग स्पीड की मोटर के लिए कपैसिटर की KVAR रेटिंग्स

मोटर कीHP 3000 RPM 1500 RPM 1000 RPM 750 RPM 500 RPM
2.5 1 KVAR 1 KVAR 1.5 KVAR 2 KVAR 2.5 KVAR
5 2 KVAR 2 KVAR 2.5 KVAR 3.5 KVAR 4 KVAR
7.5 2.5 KVAR 3 KVAR 3.5 KVAR 4.5 KVAR 5.5 KVAR
10 3 KVAR 4 KVAR 4.5 KVAR 5.5 KVAR 6.5 KVAR
15 4 KVAR 5 KVAR 6 KVAR 7.5 KVAR 9 KVAR
20 5 KVAR 6 KVAR 7 KVAR 9 KVAR 13 KVAR
25 6 KVAR 7 KVAR 9 KVAR 10.5 KVAR 14.5 KVAR
30 7 KVAR 8 KVAR 10 KVAR 12 KVAR 17 KVAR
40 9 KVAR 10 KVAR 13 KVAR 15 KVAR 21 KVAR
50 11 KVAR 12.5 KVAR 16 KVAR 18 KVAR 28 KVAR
60 13 KVAR 14.5 KVAR 18 KVAR 20 KVAR 28 KVAR
70 15 KVAR 16.5 KVAR 20 KVAR 22 KVAR 31 KVAR
80 17 KVAR 19 KVAR 22 KVAR 24 KVAR 34 KVAR
90 19 KVAR 21 KVAR 24 KVAR 26 KVAR 37 KVAR
100 21 KVAR 23 KVAR 26 KVAR 28 KVAR 40 KVAR
110 23 KVAR 25 KVAR 28 KVAR 30 KVAR 43 KVAR
120 25 KVAR 27 KVAR 30 KVAR 32 KVAR 46 KVAR
130 27 KVAR 29 KVAR 32 KVAR 34 KVAR 49 KVAR
140 29 KVAR 31 KVAR 34 KVAR 36 KVAR 52 KVAR
145 30 KVAR 32 KVAR 35 KVAR 37 KVAR 54 KVAR
150 31 KVAR 33 KVAR 36 KVAR 38 KVAR 55 KVAR
155 32 KVAR 34 KVAR 37 KVAR 39 KVAR 56 KVAR
160 33 KVAR 35 KVAR 38 KVAR 40 KVAR 57 KVAR
165 34 KVAR 36 KVAR 39 KVAR 41 KVAR 59 KVAR
170 35 KVAR 37 KVAR 40 KVAR 42 KVAR 60 KVAR
175 36 KVAR 38 KVAR 41 KVAR 43 KVAR 61 KVAR
180 37 KVAR 39 KVAR 42 KVAR 44 KVAR 62 KVAR
185 38 KVAR 40 KVAR 43 KVAR 45 KVAR 63 KVAR
190 38 KVAR 40 KVAR 43 KVAR 45 KVAR 65 KVAR
200 40 KVAR 42 KVAR 45 KVAR 47 KVAR 67 KVAR
250 45 KVAR 50 KVAR 55 KVAR 60 KVAR 70 KVAR

वेल्डिंग ट्रांसफॉरमर के लिए कपैसिटर की KVAR रेटिंग्स

ट्रांसफॉरमर की KVAR रेटिंग कपैसिटर की आवश्यक रेटिंग  ट्रांसफॉरमर की KVAR रेटिंग कपैसिटर की आवश्यक रेटिंग 
9 4 KVAR 36 18 KVAR
12 6 KVAR 57 25 KVAR
18 8 KVAR 95 45 KVAR
24 12 KVAR 128 50 KVAR
30 15 KVAR 160 75 KVAR
होम पेज यहाँ क्लिक करें

यह भी पढ़ें…

तो दोस्तों आपका अगर कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेन्ट बॉक्स मे कमेन्ट करें या हमारे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ें।

नई पोस्ट्स के अपडेट्स पाने के लिए सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें नीचे दिए गए लोगो पर क्लिक करके

join facebook group electricalbaba.inहमारा फेसबूक ग्रुप जॉइन करें Telegram channel electricalbaba.inहमारा टेलीग्राम चैनल सबस्क्राइब करें
3/5 - (1 vote)
हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करे  ⇒ यहाँ क्लिक करें
 

1 thought on “पावर फैक्टर क्या होता है? | पावर फैक्टर कैसे सुधारें? In Hindi”

अपना अभिप्राय दर्ज करें

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: