विद्युत पंखा | Electric Fan कितने प्रकार के होते हैं? In Hindi

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में, दुकान ,होटल, आफिस, इत्यादि जगहों पर विद्युत पंखा (Electric Fan) यह बहुतही काम का महत्वपूर्ण विद्युत उपकरण होता है। जिसके बिना एक साधारण व्यक्ति का आराम से रह पाना मुश्किल होता है।

Table of Contents

विद्युत मोटर

फैन के लिए सिंगल फेज 230 वोल्ट की मोटर का इस्तेमाल किया जाता है।कई जगहों पर जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा वोल्टेज से चलने वाली मोटर का इस्तेमाल किया जाता है। साधारणतः सीलिंग और एगझोस्ट फैन  के लिए परमानेन्ट कैपेसिटर मोटर और टेबल फैन के लिए Permanent Capacitor moter या फिर शेडेड पोल मोटर का इस्तेमाल किया जाता है।

यह मोटर 1/16, ⅛  रेटिंग्स की होती हैं।

यह मोटर 1/16, ⅛  रेटिंग्स की होती हैं।

फैन ब्लेड

इलेक्ट्रिक फैन का रोटर जिस शाफ़्ट पर स्थित होता है, उसी शाफ़्ट पर सामने की तरफ फैन ब्लेड लगे होते हैं। फैन के ब्लेड्स धातु के या फिर PVC के बने होते हैं। फैन ब्लेड्स को एक तरफ से एक कोन में मोड़कर एक विशिष्ट आकार दिया जाता है। फैन की ब्लेड एक विशेष एंगल पर मुड़ी होने के कारण उससे हवा को सामने या नीचे (सीलिंग फैन में नीचे की तरफ) तरफ फेंकी जाती है। 

पेडेस्टल, केबिन, और टेबल फैन के लिए ब्लेड का आकार 400 mm होता है । तो सीलिंग फैन के लिए यह आकार 900 mm, 1050 mm, 1200 mm, 1400mm और 1500 mm का होता है।

तो एगझोस्ट फैन के लिए फैन ब्लेड का आकार 200mm, 225mm, 250mm और 300 का होता है।। फैन ब्लेड का आकार मतलब जब फैन घूमता है। तब उसका होने वाला पूरा व्यास होता है।

ऑसिलेटिंग मकैनिजम

दोस्तों आपने किसी टेबल फैन या वाल फैन को चालू स्थिति में  दाएं बाएं घूमते देखा होगा। इस तरह के फैन को दाएं और बाएं घूमने के लिए जिस मकैनिजम का इस्तेमाल किया जाता है उसे ऑसिलेटिंग मकैनिजम कहा जाता है। इन प्रकिया के दौरान टेबल फैन या वाल फैन 120° के को पर दाएं और बाएं घूमता है।

यह मकैनिजम सिर्फ टेबल फैन, पेडस्टल फैन एवं केबिन फैन ( वाल फैन) में ही होता है।

सीलिंग फैन और एगझोस्ट फैन में इस प्रकार के ऑसिलेटिंग मकैनिजम की आवश्यकता नही होती।

 

फैन के ऑसिलेटिंग मकैनिजम की संरचना

ऑसिलेटिंग मकैनिजम पंखे के पिछले पिछले हिस्से में होता है। पंखे के शाफ़्ट को एक वर्मशाफ्ट लगा होता है। जिसे वर्मा गियर और वर्म व्हील की मदत से फैन को  ऑसिलेटिंग किया जाता है। बाजार में कई तरह के फैन मिलते हैं। हर फैन कंपनी अपनी अपनी जरूरत के हिसाब से ऑसिलेटिंग मकैनिजम  बनाती है।

फैन कैपेसिटर

फैन मोटर के रूप में अगर शेडेड पोल मोटर का इस्तेमाल किया हो तो उसमें कैपेसिटर नही होता। लेकन आगर परमानैंट कैपेसिटर मोटर का इस्तेमाल किया हो तो उस फैन मोटर की स्टार्टिंग अथवा सहायक वाइंडिंग के सीरीज में एक कैपेसिटर जुड़ा होता है। फैन में इस्तेमाल किए जाने वाले Capacities 2 से 4 माइक्रो फेरेड के होते हैं।

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इलेक्ट्रिक फैन (Electric Fan) में कैपेसिटर क्यों लगाया जाता है?

दोस्तों हमारे घर मे इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रिक फैन में सिंगल फेज इंडक्शन मोटर होती है। सिंगल फेज मोटर को शुरुवात में घुमाने के लिए सिर्फ सिंगल फेज सप्लाय ही काफी नही होता।
शुरुवात में फैन घूमने के लिए इस मोटर को अलग से एक बल की जरूरत होती है। अगर एक बार यह मोटर दूसरे बल की सहायता से घूम जाए तो बाद में यह सिंगल फेज इंडक्शन मोटर सिंगल फेज से ही घूमने लगती है।
यह दूसरा बल निर्माण करने का काम फैन का कैपेसिटर करता है। सिंगल फेज इंडक्शन मोटर में रनिंग वाइंडिंग और स्टार्टिंग वाइंडिंग होती है। रनिंग वाइंडिंग में निर्माण होने वाली मैग्नेटिक फील्ड फैन को गतिमान रखती है।
तो स्टार्टिंग वाइंडिंग फैन को शुरुवाती बल याने की शुरुवाती टॉर्क देने में इस्तेमाल की जाती है। लेकिन हमारे घर मे आने वाला सप्लाय यह सिंगल फेज सप्लाई होता है।
अगर यह सिंगल फेज सप्लाय ही फैन की स्टार्टिंग और रनिंग वाइंडिंग को दिया जाए तो फैन को टॉर्क नही मिल पाता। शुरुवाती टॉर्क के लिए दोनों windings को 2 अलग फेज का सप्लाय मिलना जरूरी होता है।
कैपेसिटर 1 फेज को 2 फेज में कन्वर्ट कर देता है।
कैपेसिटर स्टार्टिंग और रनिंग वाइंडिंग के सीरीज में लगाया जाता है। कैपेसिटर लगाने से स्टार्टिंग वाइंडिंग से फैन रोटर को शुरुवाती टॉर्क मिलता है। और फैन घूमने लगता है। इसलिए फैंन को शुरुवात में घूमाने के लिए फैन में कैपेसिटर लगाया जता है।

फैन रेगुलेटर (Fan Regulator)

फैन की स्पीड आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा करने के लिए फैन रेगुलेटर (Fan Regulator) का उपयोग किया जाता है। यह रेगुलेटर फैन के सीरीज में जोड़ा जाता है। रेगुलेटर से फैन को मिलने वाला वोल्टेज रेगुलेट करके फैन की स्पीड रेगुलेट की जाती है।

तीन प्रकार के रेगुलेटर्स फैन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  1. रेझिस्टेन्स रेगुलेटर (Resistance Regulator)
  2. चोक रेगुलेटर ( Choke Regulator)
  3. इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर (Electronic Regulator)
रेझिस्टेन्स रेगुलेटर (Resistance Regulator)

इस  प्रकार के Fan Regulator में यूरिक वायर का एक रेझिस्टेन्स होता है। जिसमेसे कुछ टेपिंग्स बाहर निकली होती हैं। यह टेपिंग्स एक रोटरी स्विच से जुड़ी होती हैं।

ज्यादा रेझिस्टेन्स वाली टेपिंग्स का उपयोग करके फैन मोटर को मिलने वाला वोल्टेज कम किया जाता है। जिस वजह से फैन स्लो घूमता है।जैसे जैसे रोटेरी स्विच घुमाकर रेसिस्टेन्स में बदलाव किया जाता है। वैसे वैसे फैन मोटर की स्पीड कम या ज्यादा की जाती है।

रेझिस्टेन्स रेगुलेटर (Resistance Regulator) का उपयोग फैन की स्पीड नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

चोक रेगुलेटर ( Choke Regulator)

इस रेगुलेटर को इंडकटन्स रेगुलेटर भी कहा जाता है।इस प्रकार के रेगुलेटर में लैमिनेटेड आयरन कोर के ऊपर इनमलेड कॉपर वायर लपेटी हुई होती है। जिसमेसे कुछ टेपिंग्स बाहर निकली होती हैं।

यह टेपिंग्स एक रोटरी स्विच से जुड़ी होती हैं। जरूरत है हिसाब से फैन की स्पीड कम या ज्यादा करने के लिए रोटरी स्विच को घुमाकर कम या ज्यादा रेझिस्टेन्स को फैन के सीरीज में जोड़ा जाता है।

जिससे सर्किट का इम्पीडंस कम या ज्यादा किया जाता है। जिससे फैन को मिलने वाला वोल्टेज भी कम या ज्यादा होता है। इस तरह चोक रेगुलेटर ( Choke Regulator) का इस्तेमाल करके फैन की स्पीड कम या ज्यादा की जाती है। इस प्रकार के रेगुलर में ज्यादा ऊष्मा निर्माण नही होती। इसलिए चोक रेगुलेटर ( Choke Regulator) ज्यादा कार्यक्षम होता है।

इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर (Electronic Regulator)

इस प्रकार के रेगुलेटर में इंडकटन्स, कैपसिटन्स, रेसिस्टेन्स, डायोड और वोल्टेज रेगुलेटेड IC (इंटीग्रेटेड सर्किट) ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट होते हैं।

जिनसे वोल्टेज में बदलाव होकर फैन की स्पीड कम या ज्यादा होती है।

इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर (Electronic Regulator) के फायदे
  • यह रेगुलेटर बाकी रेगुलेरोर्स की तुलना में छोटा होता है। गर्म नही होता।
  • उपयोग करने में आसान होता है।
  • दिखने में आकर्षक होता है

टेबल फैन

एक बेस पर खड़ा स्टैंड लगाकर उसपर एक सिंगल फेज मोटर अड़ी करके फिक्स की होती है। नॉर्मली इस फंबके लिए शेडेड पोल मोटर या पेरमेंन्ट कैपेसिटर मोटर का इस्तेमाल किया जाता है।

इसी मोटर के शाफ़्ट के पिछले हिस्से पर ऑसिलेटिंग मकैनिजम लगा होता है। मोटर के सामने की तरफ शाफ़्ट पर फैन ब्लेड लगे होते हैं। फैन ब्लेड को सेफ्टी गार्ड से कवर किया जाता है।

फैन की स्पीड नियंत्रत करने के लिए एक रेगुलेटेड फैन बेस के भीतर फिट किया जाता है। रेगुलेटर को ऑपरेट करने के लिए नॉब या बटन बेस बॉडी के बाहर रखे जाते हैं।

टेबल फैन कैसे काम करता है?

फैन मोटर का सप्लाय शुरू करके रेगुलेटेर नॉब या बटन ऑपरेट करने के बाद फैन घूमने लगता है। फिर फैन हवा फेकने लगता है। इस फैन से मिलने वाले हवा की दिशा आड़ी और सामने की ओर होती है। जब फैन को दाएं या बाएं घुनाना हो तो इसके लिए फैन का ऑसिलेटिंग स्विच घुमाकर या पुश किया जाता है। जिससे ऑसिलेटिंग गियर फैन शाफ़्ट से जुड़ जात है। और ऑसिलेटिंग मेकैनिज्म काम करने लगता है। फैन दाएं बाएं घूमकर कमरे में चारो ओर हवा फैलता है।

इस तरह टेबल फैन कार्य करता है।

टेबल फैन में होने वाले फॉल्टस, फॉल्ट के कारण और उपाय।

1) टेबल फैन शुरू नही हो रहा

कारण 1:- फैन की बेअरिंग या बुश जैम हो सकते हैं।
उपाय:- सप्लाई बंद करके फैन ब्लेड को स्क्रू ड्राइवर से घूमर देखें। अगर ब्लेड जैम हो तो बेअरिंग/ बुश को ग्रीसिंग करें।
कारण 2:- सप्लाई कॉर्ड ओपन हो सकती है।
उपाय:- फैन के सप्लाय टर्मिनल्स पर मिलने वाला सप्लाय चेक करें फेज न्यूट्रल आ रहा है या नही। अगर सप्लाई नही आ रहा तो सीरीज टेस्टिंग या मल्टीमीटर की सहायता से कॉर्ड चेक करें। फॉलटी कॉर्ड बदलकर नई कॉर्ड डालें।
कारण 3:- रेगुलेटेड ओपन हो सकता है।
उपाय:- रेगुलेटर को बायपास करके फैन शुरू करके देखें। रेगुलेटर जोड़कर फूल होने के बावजूद फैन स्लो है। और और रेगुलेटर बायपास करने के बाद स्पीड अच्छी है तो रेगुलेटर बदलें।
कारण 4 :- कैपेसिटर ओपन या खराब हो सकता है।
उपाय:- कैपेसिटर कनेक्शन चेक करें। कैपेसिटर अगर खराब हो तो नया कैपेसिटर लगाएं।
कारण 5:- फैन वाइंडिंग ओपन हो सकती है।
उपाय:- सीरीज टेस्टिंग या मल्टीमीटर की सहायता से वाइंडिंग चेक करें। अगर वाइंडिंग ओपन या जल चुकी हो तो फैन rewinding करवाएं।

2) पंखा घूमते समय आवाज होती है।

कारण 1 :- फैन ब्लेड ल्यूज हो सकती हैं।
उपाय:- फैन ब्लेड को अच्छेसे टाइट करें.
कारण 2 :- फैन की सेफ्टी जाली ल्यूज हो सकती है।
उपाय :- फैन की सेफ्टी जाली अछेसे टाईट करें।
कारण 3:- बुश बेअरिंग का लुब्रिकेंट खत्म होने के कारण
उपाय:- बुश बेअरिंग को ग्रीसिंग करें।
कारण 4 :- रोटर में प्ले आने के कारण
उपाय:- शाफ़्ट में स्पेसर वाशर डालकर प्ले कम करें।
कारण 5 :- रोटर और स्टेटर के बीच घर्षण के कारण
उपाय :-  शाफ़्ट को चेक करें और दुरुस्त करें।
कारण 6 :- सेफ्टी जाली को फैन ब्लेड लगने के कारण
उपाय :- सेफ्टी जाली और फैन ब्लेड में सुरक्षित अंतर रखें।

3) पंखा हवा कम फेंकता है।

कारण 1 :- फैन ब्लेड बेंड होने के कारण ऐसा हो सकता है।
उपाय :- फैन ब्लेड की अलाइनमेंट करें।
कारण 2 :- पंखे की गति धीमी होने के कारण
उपाय :- रेगुलेटर से स्पीड बढ़ाएं।

4) पंखा ऑसिलेट नही हो रहा।

कारण :- मकैनिजम खराब होने के कारण
उपाय :- चेक करने के बाद खराब हुए गियर्स बदलें।

टेबल फैन की सर्विसिंग कैसे करें ?

नीचे बताए गए क्रम से टेबल फैन खोलकर सर्विसिंग करें।

  1. टेबल फैन के पिछले हिस्से में स्थित मकैनिजम का कवर खोलें।
  2. सामने की सेफ्टी जाली निकालकर फैन ब्लेड फैन से अलग करें।
  3. टेबल फैन से जुड़ी हुई पट्टी निकालकर ऑसिलेटिंग मकैनिजम अलग करें।
  4. मोटर की बॉडी के नट्स निकालकर मोटर कव्हर अलग करें।
  5. रोटर बाहर निकालें। रोटर बाहर निकलते समय स्टेटर वाइंडिंग को नुकसान न पहुंचे इसका ध्यान रखें।
  6. रोटर शाफ़्ट के दोनों तरफ के वाशर भर निकालें। इसके बाद बुश बाहर निकलें।
  7. बाहर निकले गए सारे पार्ट्स एक ट्रे में रखें। यह पार्ट्स मिट्टी के तेल या कार्बन टेट्राक्लोराइड से अच्छेसे धो लें। अगर किसी पार्ट के अंदर थोड़ी गंदगी हो तो वह पार्ट ब्रश से अच्छेसे साफ करें।
  8. धुले हुए सारे पार्ट्स को एक नरम कपड़े से पोंछ लें।
  9. पोंछकर सुखाएं हुए पार्ट्स को एक बार अच्छेसे देखें। जो पार्ट्स घिस चुके हों या टूट चुके हो वह पार्ट्स बदलकर नए पार्ट्स का बंदोबस्त करें।
  10. रोटर का अच्छेसे निरीक्षण करें। अगर शाफ़्ट बेंड हो तो नया शाफ़्ट डालें। बेअरिंग खराब होबतो बदलकर नई बेअरिंग डालें। नई बेअरिंग लगते समय पुरानी बेअरिंग का जो नंबर या आकर हो उसी नंबर या आकार की बेअरिंग ही लगाए।
  11. टेस्ट लैंप, मल्टीमीटर या मेगर से फैन मोटर वाइंडिंग की कंटीन्यूटी टेस्ट, इन्सुलेशन रेसिस्टेन्स टेस्ट लें। टेस्ट करने के बाद अगर वाइंडिंग ओपन या शौर्ट होने पर आसानी से रिपेयर ना हो तो Rewinding करवाएं। rewunding करने से पहले पुरानी वाइंडिंग तार के गेज, टर्न्स , और पिच मेजर करके वह नोट करें, और उसी प्रकार से नई Rewinding करें।
  12. Regulator और Capacitor की ओपन, कंटीन्यूटी और शार्ट सर्किट टेस्ट लें।
  13. टेबल फैन की सुरक्षा जाली और फैन ब्लेड अच्छेसे धो लें। जिस कर्म से शुरुवात से टेबल फैन खोला गया था, उसके बिल्कुल उल्टे क्रम से टेबल फैन फिर से असेम्बल करें।
  14. टेबल फैन असेम्बल करते समय जिन पार्ट्स को आयल और ग्रीसिंग की जरूरत हो वहां पर आयल और ग्रीसिंग करें।
  15. सब पार्ट्स ठीक तरीके से फिट कर देने के बाद फैन ब्लेड को हाथ से घुमाकर देखें। फैन ब्लेड फैन की सुरक्षा जाली से न घिसे इस बात का ध्यान रखें।
  16. यह सब सुनिश्चित कर लेने के बाद टेबल फैन की Winding, Capacitor और Reguletor का कनेक्शन करें।
  17. और फिर से सीरीज टेस्टिंग लैंप को फैन के सीरीज में लगाकर सप्लाई देकर फैन शुरू करके देखें। लैंप डिम जलकर अगर टेबल फैन स्लो घूमने लगे तो टेबल फैन की सर्विसिंग अच्छेसे हुई है। तब टेबल फैन dirrect supply देने के लिए तैयार है यह समझे।

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