इलक्ट्रिसिटी आज लगभग दुनिया के अधिकांश लोगों के जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा बन चुकी है। इसके बिना जीवन बिताना बोहोत मुश्किल है।
इलक्ट्रिसिटी क्या है? इलेक्ट्रॉन क्या है? अगर आपको यह जानना है तो हमे इसके बेसिक से शुरुवात करनी होगी।
इलक्ट्रिसिटी मतलब इलेक्ट्रॉन्स का बहाव , जो किसी भी वाहक कंडक्टर (कोई धातु) में हो सकता है।
वाहक कंडक्टर मतलब किसी धातु या द्रव का वह हिस्सा जिसमे से इलेक्ट्रॉन्स फ्लो कर सकते हो।
इलेक्ट्रॉन क्या होते हैं? यह जानने के लिए हमे पहले परमाणु के बारे में जानना होगा।
परमाणु (Atom ) क्या होता है?
किसी भी पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण जो रासायनिक क्रियाओं में भाग ले सके अथवा रासायनिक क्रियाओं के द्वारा पृथक् (Separate) किया जा सके उसे परमाणु कहते हैं। यह प्रकृति में स्वतंत्र रूप से मौजूद नहीं होते। यह मुख्यतः प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन से बना होता है।

प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन ये प्रकृति के मूल कण माने जाते हैं। जो अविभाज्य होते हैं। प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन, परमाणु के नाभिक में मौजूद होते हैं, जो परमाणु का केन्द्रिय सघन होता है। और इलेक्ट्रोन्स नाभिक की कई कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं। इन कक्षाओं की संख्या उस परमाणु में कितने इलेक्ट्रॉन्स होते हैं, इसपर निर्भर होती हैं।
- प्रोटॉन पर +1.6×10-19 कूलॉम का आवेश (Charge) (Charge) होता है।
- न्यूट्रॉन आवेश (Charge)हीन (Chargeless)होता है।
- इलेक्ट्रॉन पर –1.6×10-19 कूलॉम का आवेश (Charge) होता है।
विद्युत आवेश (Charge) क्या है?
यह किसी पदार्थ का वह गुण होता है, जिसके कारण कोई वस्तु वैद्युत आकर्षण या विकर्षण का अनुभव करती है।
आवेश (Charge) का SI मात्रक कूलॉम (Coulomb) होता है। CGS मात्रक (State Coulomb) होता है। इसे ‘C’ से प्रदर्शित करते हैं। आवेश (Charge) का मात्रक Ampere Second भी होता है।
आवेश (Charge) के लिए धन और ऋण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बेंजामिन फ्रैंकलिन ने किया था। वस्तुओं को आवेश (Charge)ित करने की प्रक्रिया सर्वप्रथम ” थेल्स” ने बताई थी।
थेल्स के अनुसार जब काँच के टुकड़ें को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है तो काँच का टुकड़ा इलेक्ट्रॉन त्याग करने के कारण धनावेशित हो जाता है तथा रेशम का कपड़ा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने के कारण ऋणावेशित हो जाता है।
इनके अनुसार,
Q=ne
जहाँ Q=उत्पन्न आवेश (Charge)
n= त्याग या ग्रहण किये गए इलेक्ट्रॉनों की संख्या
e= इलेक्ट्रॉन का आवेश (Charge)
कूलाम का नियम (Coulomb’s Low) क्या है ?
अगर कोई दो आवेश (Charge) q1 तथा q2 एक दूसरे से r दूरी पर हो तो उनके बीच कार्य करने वाला वैद्युतरआकर्षणी बल उनके आवेश (Charge)ों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता हैं
मुक्त इलेक्ट्रॉन (Free Electrons) किसे कहते हैं ?
अधिकांश धातुओं की अंतिम कक्षा में केवल एक या दो इलेक्ट्रॉन्स होते हैं, जिन्हें मुक्त इलेक्ट्रांस कहा जाता है। नाभिक से दूर होने के कारण ये लगभग मुक्त अवस्था में होते हैं। इसलिए इन्हे मुक्त Electrons कहते है। मुक्त इलेक्ट्रॉन्स के कारण ही आवेश (Charge) कंडक्टर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँचता है। ठोस धातु के तार में विद्युत धारा का प्रवाह मुक्त इलेक्ट्रॉन्स के कारण होता है जबकि वैद्युत अपघट्य में धारा का प्रवाह आयन के कारण होता है।
विद्युत वाहक बल (Electro Motive Force) क्या होता है? | E.M.F. in Hindi
किसी चालक पदार्थ में से विद्युत धारा को एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रवाहित करने वाला बल, विद्युत वाहक बल (Electro Motive Force) खलता है। यह सेल, बैट्री जनरेटर आदि से प्राप्त किया जाता है। इसका मात्रक “वोल्ट” है। इसे v से सूचित किया जाता है।
विभव (Potential) किसे कहते हैं?
एकांक आवेश (Charge) को अनंत से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य उस बिन्दु का विभव कहलाता हेै। इसका मात्रक J/C या वोल्ट होता है।
नोट-
परिपथ में धारा का प्रवाह शून्य होने पर विभवान्तर का मान शून्य हो जाता है।
V=w/q
विभवांतर (Potential Difference) का मतलब क्या होता है?
जब किसी चालक में से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो उसके सिरों के विभवों में कुछ अंतर पैदा हो जाता है, जिसे विभवांतर कहते हैं।
विद्युत क्षेत्र (Electric Field) क्या होता है?
किसी आवेश (Charge) या आवेश (Charge) के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें कोई दूसरा आवेश (Charge) अपने पर एक बल का अनुभव करता है, वह क्षेत्र विद्युतीय क्षेत्र कहलाता है।
सघन विद्युतीय क्षेत्र के लिए. सघन तथा विरल विद्युतीय क्षेत्र के लिए विरल बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।
एक समान विद्युतीय क्षेत्र के लिए एक समान बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता हे।
विद्युत बल रेखाएं (Electric Line Of Force) क्या है?
किसी आवेश (Charge) के चारों ओर के विद्युतीय क्षेत्र को दिखाने वाली बल रेखाएँ विद्युतीय बल रेखाएँ कहलाती हैं। यह रेखाएँ काल्पनिक होती हैं।
विद्युतीय बल रेखाओं के गुण
- विद्युतीय बल रेखाएँ धनावेश से शुरू होकर ऋणावेश पर खत्म होती हैं।
- ये रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती क्योंकि काटे गए बिन्दु पर विद्युतीय क्षेत्र की दो दिशा होती है, जो संभव नहीं है।
- सघन विद्युतीय क्षेत्र के लिए सघन तथा विरल विद्युतीय क्षेत्र के लिए विरल बल रेखाओं के प्रयोग किया जा सकता है।
- एक समान विद्युतीय क्षेत्र के लिए एक समान बल रेखाओं के प्रयोग किया ज सकता है।
विद्युत धारा ( Electric Current) किसे कहते हैं?
किसी तत्व या पदार्थ में से इलेक्ट्रॉन का प्रवाह विद्युत धारा कहलाता है। या आवेश (Charge) प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। अर्थात् I =Q/t
इसका S.I. मात्रक Ampere (Col/s) होता है। यदि किसी पॉइंट से एक सेकेण्ड में 6.28×1018 इलेक्ट्रॉन्स प्रवाहित हो जाए तो विद्युत धारा का मान 1 Ampere होता है। मतलब उस पॉइंट से 1 Ampere करंट प्रवाहित हुआ है ऐसा हम कह सकते हैं।
विद्युत धारा का वेग प्रकाश के समान 3×108 m/s होता है। विद्युत धारा एक अदिश राशि है, क्योंकि यह सदिश के जोड़ नियमों का पालन नहीं करती। विद्युत धारा हमेशा बैंड परिपथ (सर्किट) में प्रवाहित होता है।
विद्युत प्रवाह हमेशा कम से कम विरोध (रेसिस्टेंस) वाला मार्ग चुनता है। इलेक्ट्रोन्स का बहाव हमेशा ऋण वस्तु से धन वस्तु की ओर होता है।
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